SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और नुकसान से बचने के उपाय



म्युचुअल फंड पैसे से पैसा कमाने का एक लोकप्रिय तरीका है लाखों लोग म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करके पैसे से पैसा कमा रहे हैं, और वर्तमान समय में कई ऐसी म्युचुअल फंड कंपनियां आ गई है जो आपको अच्छा रिटर्न बनाकर दे रही है, उनमें से एक एसबीआई म्युचुअल फंड है। 

और SBI म्यूचुअल फंड के कई फायदे होने के साथ साथ इसके कुछ नुकसान भी है, यदि आप SBI म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान और उपाय की जानकारी होनी आवश्यक है।

SBI म्यूचुअल फंड के नुकसान क्या हैं? और SBI म्युचुअल फंड में नुकसान से बचने के उपाय

SBI Mutual Fund ke nuksan aur upay

एसबीआई म्यूचुअल फंड एक बड़ा और जाना-माना नाम है, लेकिन अन्य म्यूचुअल फंड निवेश विकल्प की तरह, इसके भी कुछ नुकसान हैं, आइए इन नुकसानों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

#1: बाजार जोखिम

एसबीआई म्युचुअल फंड के साथ-साथ लगभग सभी म्युचुअल फंड में बाजार जोखिम होता है, क्योंकि शेयर बाजार कभी भी एक समान नहीं रहता है इसमें काफी ज्यादा उथल-पुथल होती रहती है, और जब शेयर बाजार में गिरावट आती है तो म्युचुअल फंड का मूल्य कम हो जाता है, हालांकि एसबीआई म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर इस बात का पूर्ण ध्यान रखते हैं कि वह फंड को बाजार जोखिमों से बचा सके या उनका जोखिम कम कर सके। 

लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं इनमें बाजार जोखिम हमेशा शामिल रहता है, जो आपके म्युचुअल फंड के मूल्य को कभी भी घटा सकता है। 

बाजार जोखिम से बचने का उपाय: 

एसबीआई म्युचुअल फंड के बाजार जोखिम को कम करने के लिए आपको 5 वर्ष से लेकर 10 वर्ष के लिए निवेश करना चाहिए, क्योंकि लंबे समय में आपका नुकसान, अच्छे मुनाफे में बदल सकता है।

इसके अतिरिक्त बाजार के उतार चढ़ाव की चिंता किए बिना नियमित रूप से एसबीआई म्युचुअल फंड में SIP करते रहे, क्योंकि SIP के माध्यम से किए गए निवेश पर जोखिम कम होता है और लंबी अवधि में यह आपके जोखिम को प्रॉफिट में बदल देता है।

#2: अन्य फंडों के मुकाबले कम रिटर्न

बाजार में मौजूद अन्य फंडों के मुकाबले एसबीआई म्युचुअल फंड ने काफी कम रिटर्न बनाया है, हालांकि एसबीआई म्यूचुअल फंड कई अच्छे फंड पेश करता है, और मार्केट के अनुरूप नए फंड भी लांच करता रहता है। एसबीआई म्युचुअल फंड में कम रिटर्न मिलने का कारण इनके फंड मैनेजर का अनुभव निवेश की रणनीति और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है, जिसमें सुधार करने की आवश्यकता है। 

फंड का रिटर्न बढ़ाने का उपाय:

एसबीआई के एक म्युचुअल फंड में निवेश करने के साथ साथ आपको अलग-अलग म्युचुअल फंड कंपनियों के फंड में अपना निवेश करना चाहिए, इससे आपके रिटर्न के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है और साथ ही आपका जोखिम भी कम हो जाता है।

#3: बड़े पैमाने पर फंड का होना

एसबीआई एक सरकारी बैंक होने के कारण एसबीआई के म्युचुअल फंड में निवेशकों की रुचि अधिक होती है, वह अन्य फंडों में निवेश करने के बजाय एसबीआई म्युचुअल फंड में पैसा निवेश करना सुरक्षित समझते हैं, ऐसे में अधिक निवेश होने के कारण एसबीआई के अधिकांश फंड के निवेशक और निवेश का पैसा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है, जिसे एक फंड मैनेजर द्वारा मैनेज करना मुश्किल हो सकता है और यह फंड के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है जिससे कि फंड का मूल्य घट सकता है। 

जोखिम को कम करने का उपाय: 

अपने म्युचुअल फंड के निवेश को विभाजित करें, अर्थात एक से अधिक म्युचुअल फंड कंपनियों में निवेश करें, एवं निवेश करने से पूर्व फंड का प्रदर्शन, फंड मैनेजर का अनुभव, फंड की रेटिंग, आदि जरूर देखें और एक निवेश सलाहकार से सलाह लेकर एसबीआई म्युचुअल फंड में निवेश करें।

#4: अधिक शुल्क

एसबीआई के कुछ फंड अन्य म्युचुअल फंड की तुलना में अधिक शुल्क लेते हैं, और अधिक शुल्क आपके म्युचुअल फंड पर मिलने वाले रिटर्न को कम कर सकता है। 

अधिक शुल्क से बचने के उपाय: 

एसबीआई म्युचुअल फंड में निवेश करने से पूर्व उसके खर्चे की दर (Expense Ratio) को अवश्य देखें और खर्च की दर को अन्य फंडों से मिलकर देखे, आपको जिस फंड का Expense Ratio कम लगता है, उसकी अच्छे से जांच करें और यदि उसमें आपको सभी बाते सही लगती हैं तो आप उस फंड में निवेश कर सकते हैं, और खर्चे की दर कम होने के कारण लंम्बी अवधी में किए गए निवेश पर आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।

#5: बैंकिंग संबंधी मुद्दे

एसबीआई म्युचुअल फंड, एसबीआई भारतीय सरकारी बैंक से जुड़ा हुआ है और एसबीआई म्युचुअल फंड के एसबीआई बैंक से संबंध होने के कारण जब कभी भी बैंकिंग संबंधी किसी भी प्रकार के मुद्दे खड़े होते हैं तो उनका सीधा असर एसबीआई म्युचुअल फंड पर भी पड़ता हैं, और जिसके फल स्वरुप एसबीआई म्युचुअल फंड का मूल्य कम हो जाता है। 

बैंकिंग संबंधी मुद्दों से बचने के उपाय: 

एसबीआई म्युचुअल फंड के किसी एक सेक्टर के फंड में निवेश ना करके, आपको मिश्रित निवेश वाले फंड का चुनाव करना चाहिए, यह आपके बैंकिंग संबंधी मुद्दों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम कर देता है।

#6: नियंत्रण का अभाव

एसबीआई म्युचुअल फंड के साथ-साथ किसी भी फंड में निवेश करने के पश्चात आपके निवेश किए गए पैसों पर आपका किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं रहता है, क्योंकि म्युचुअल फंड में किया गया निवेश फंड मैनेजर द्वारा नियंत्रित किया जाता है अर्थात फंड मैनेजर ही यह फैसला लेता है कि उसे पैसे को कहां, कब और कैसे निवेश करना है।

नियंत्रण के अभाव को दूर करने का उपाय:

कोई भी म्युचुअल फंड कंपनी आपके निवेश किए गए पैसे का नियंत्रण करने की अनुमति प्रदान नहीं करती है, किंतु आप अपने निवेश को एक से अधिक म्युचुअल फंड कंपनियों में विभाजित करके अपने इस नियंत्रण के अभाव को दूर कर सकते हैं, अलग-अलग म्युचुअल फंड कंपनियों में पैसा निवेश करने से आपका पैसा ज्यादा से ज्यादा स्टॉक में विभाजित हो जाएगा, और यह आपके जोखिम को कम करने में सहायक होगा।

#7: तरलता जोखिम

यदि आप कुछ ऐसे म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं जिसके अंदर निवेश की समय सीमा पहले से निर्धारित की हुई है, और आप अपने पैसे को समय सीमा पूरी होने से पहले निकाल रहे हैं, तो आपके ऊपर म्युचुअल फंड कंपनी द्वारा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जैसे की: अतिरिक्त ब्याज लगाना, ब्याज दरों में कटौती करना, समय सीमा से पूर्व पैसा निकालने पर पैसे का लाभ प्राप्त न होना, आदि।

तरलता जोखिम से बचने के उपाय: 

म्युचुअल फंड में निवेश करते समय आपने निवेश की जो समय सीमा चुनी है, उस समय सीमा को पूरा होने के पश्चात ही पैसा निकाले, इसके अतिरिक्त यदि आप कम समय के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आप इक्विटी फंड, डेट फंड, बैलेंस फंड, इंडेक्स फंड, आदि में निवेश कर सकते हैं, यहां से आप अपना पैसा कभी भी निकाल सकते हैं।

#8: अत्यधिक विविधीकरण

म्युचुअल फंड में जोखिम को कम करने के लिए पोर्टफोलियो का विविधीकरण आवश्यक होता है, किंतु यदि आप अपने पोर्टफोलियो का अत्यधिक विविधीकरण कर रहे हैं, अर्थात आप यदि 8 से 10 या उससे अधिक फंड में निवेश कर रहे हैं तो ऐसे में आपके लिए किसी भी फंड को अच्छे से फॉलो करना संभव नहीं होगा, और यदि किसी एक फंड का प्रदर्शन खराब रहता है तो आपको यहां भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। 

अत्यधिक विविधीकरण से बचने का उपाय: 

दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया म्युचुअल फंड में विविधीकरण आपके जोखिम को कम करता है और इस जोखिम को कम करने के लिए आप 5 म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, अर्थात अत्यधिक विविधीकरण से बचने के लिए आपको 5 से अधिक म्युचुअल फंड में निवेश नहीं करना चाहिए। 

#9: फंड प्रदर्शन जोखिम 

म्युचुअल फंड को फंड मैनेजर द्वारा नियंत्रित किया जाता है, फंड मैनेजर ही निवेशकों के पैसे को मार्केट में पूर्ण रिसर्च के साथ निवेश करने का निर्णय लेता है, जिस पर किसी भी निवेशक का कोई भी नियंत्रण नहीं रहता है, ऐसे में यदि फंड मैनेजर का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है, तो फंड का मूल्य गिर सकता है।

प्रदर्शन जोखिम से बचने का उपाय:

किसी भी म्युचुअल फंड्स में निवेश करने से पहले उस म्युचुअल फंड के फंड मैनेजर के बारे में अच्छे से जांच पड़ताल करें और बीते वर्षों में फंड मैनेजर के प्रदर्शन की जांच करें, अर्थात बीते दिनों में फंड का प्रदर्शन कैसा रहा है इसकी जांच करें। साथ ही फंड को निवेशको द्वारा क्या रेटिंग प्राप्त हुई है यह भी अवश्य देखें। 

अतः इसके बाद यदि आपको फंड मैनेजर का प्रदर्शन अच्छा दिखता है एवं फंड प्रतिवर्ष निवेशकों को मुनाफा दे रहा है, तो आप उस फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। 

हम आशा करते हैं आज के इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी, यहां हमने आपको SBI म्युचुअल फंड के क्या नुकसान है और उनके क्या उपाय है इसकी विस्तार पूर्वक जानकारी दी है, यदि आप एसबीआई म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे है, तो एसबीआई म्युचुअल फंड से संबंधित अपने विचार कमेंट में जरूर शेयर करें।


मेरा नाम जतिन पांचाल है और मैं MutualFundsHindi.com का Founder हूं। हमारा मिशन आप सभी को शेयर बाजार, म्युचुअल फंड, और निवेश संबंधित बहुमूल्य जानकारी देकर सशक्त बनाना है।

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