रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड क्या होता है?



रिटायरमेंट म्युचुअल फंड एक लंबे समय का इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, यानी की रिटायरमेंट म्युचुअल फंड को खास तौर से रिटायरमेंट के बाद की कांस्टेंट इनकम की प्लानिंग के लिए बनाया गया है, अर्थात रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में आप अपनी लाइफ की सेविंग को सिस्टमैटिक तरीके से इन्वेस्ट करके, अपने रिटायर होने के बाद हर महीने घर बैठे कुछ सैलरी प्राप्त कर सके।

ताकि रिटायरमेंट होने के बाद जो आपकी फाइनेंशियल जरूरत है उसके लिए आप खुद पर निर्भर रह सके और अपनी सभी जरूरतों को पूरा कर सकें। और आज के इस लेख में हम आपको रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड से जुड़ी हर संभव जानकारी दे रहे हैं, जिसे आपको अवश्य पढ़ना चाहिए।

रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड क्या होता है

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड किसे कहते हैं?

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड एक तरह का ओपन एंडेड फंड होता है, जो की खास तौर से इन्वेस्टर्स के लिए बनाया गया है, रिटायरमेंट म्युचुअल फंड को लोग अपने रिटायरमेंट के बाद लेना पसंद करते हैं। रिटायरमेंट म्युचुअल फंड का मकसद  रिटायरमेंट के बाद लोगों को उनकी मूलभूत जरूरत को पूरा करने के लिए पैसा देना होता है।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में निवेश किए गए पैसे को या तो महीने के तौर पर या फिर इकट्ठा पेंशन लेकर इस्तेमाल किया जा सकता है। उम्मीद करते हैं आपको समझ आ गया होगा कि रिटायरमेंट म्युचुअल फंड किसे कहते हैं।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड के फायदे

  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड से आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं, ताकि आपको आपके रिटायरमेंट के टाइम पर एक बड़ा अमाउंट इकट्ठा करने का मौका मिल सके। 
  • लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में “कंपाउंडिंग” का बेनिफिट होता है जिससे आपका इन्वेस्टमेंट बहुत जल्दी बढ़ता है। 
  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करके आप अपने टैक्स बेनिफिट का भी फायदा उठा सकते हैं, Act 80 के अनुसार इस फंड के इन्वेस्टमेंट में आपको टैक्स में छूट का फायदा मिलता है, जिससे आप टैक्स ज्यादा भरने से बच भी सकते हैं। 
  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में कुछ रिटायरमेंट फंड ऐसे होते हैं जहां लंबे समय के लिए निवेश होता है, जिसका मतलब की आप अपने रिटायरमेंट के समय ही पैसा निकाल सकते हैं। लेकिन, कुछ फंड ऐसे होते हैं जो की आधा पैसा निकालने की सुविधा देते हैं, जिसे आप किसी इमरजेंसी के टाइम पर निकाल कर इस्तेमाल कर सकते हैं। 
  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड का मैनेजमेंट स्पेशल फंड मैनेजर्स के जरिए होता है, जो पूरी तरह सुरक्षित होता है।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड के प्रकार (Types)

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में कई तरह के फंड शामिल होते हैं, जिनकी यहां आपको जानकारी दी गई है: 

#1: Debt based funds

अगर आप रिस्क कम लेना चाहते हैं, तो यह एक बेहतरीन ऑप्शन है जिसमें की सरकारी बॉन्ड, कॉरपोरेट बॉन्ड और बाकी की डेफिनिटी इनकम वाले ऑप्शंस में इन्वेस्टमेंट कर सकते है।

#2: Equity based fund

इक्विटी बेस्ड फंड शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट किए जाते हैं। यह लॉन्ग टर्म प्रॉफिट देते हैं लेकिन इसमें रिस्क ज्यादा होता है अगर आप इन्वेस्टमेंट लॉन्ग टर्म के लिए करना चाहते हैं, तो इक्विटी बेस्ड फंड में इन्वेस्ट करना ज्यादा बेनिफिशियल होगा।

#3: Hybrid funds

इस फंड के जरिए इक्विटी और डेप्ट दोनों में इन्वेस्टमेंट किया जा सकता है। इससे इन्वेस्टमेंट में बैलेंस बना रहता है और रिस्क कम होता है।  हाइब्रिड फंड के जरिए एक फिक्स रिटर्न मिलता है और प्रॉफिट भी अच्छा खासा मिल जाता है। 

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड की खास बातें 

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको रिटायरमेंट फंड की कुछ खास बातें जाननी आवश्यक है, जो की निम्नलिखित है:

#1: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में रिस्क कम होता है।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में बाकी म्युचुअल फंड के कंपैरिजन में कम रिस्क वाले होते है और यह एक बेहतरीन रिटायरमेंट इन्वेस्टमेंट का जरिया है। रेगुलर रिटर्न देने के लिए म्यूचुअल फंड प्रोग्राम गवर्नमेंट बॉन्ड और सिक्योरिटीज में कम रिस्क वाले तरीकों में इन्वेस्टमेंट करते हैं।

#2: आसान Withdrawal

रिटायरमेंट से पहले यानी की 58 से लेकर 60 साल की उम्र तक इन्वेस्टमेंट का पैसा निकाला नहीं जाता (कुछ conditions में निकाल सकते है) इसीलिए इन्वेस्टर के पास रिटायरमेंट होने तक एक बड़ा अमाउंट इकट्ठा हो जाता है, जिससे वह रिटायरमेंट के समय सालाना या मासिक रूप में पैसा निकाल सकते हैं। 

#3: Close Investment

रिटायरमेंट फंड का lock-in पीरियड पूरे 5 साल का होता है। लेकिन, कंपाउंड इंटरेस्ट के कारण लॉन्ग lock-in पीरियड ज्यादा फायदा देता है। क्योंकि, जब कोई भी इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए अपने इन्वेस्टमेंट को रखता है तो ऐसे में बाजार के उतार -चढ़ाव इस तरह के लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर कोई असर नहीं डालते। 

#4: हाइब्रिड पेंशन योजना

म्युचुअल फंड ने हाइब्रिड पेंशन योजना देनी शुरू कर दी है। हाइब्रिड योजना लोन और इक्विटी दोनों मार्केट में इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन देती है।  इस योजना में इक्विटी एक्स्पोज़र नॉर्मल रखा जाता है जो की कम से कम 40% और ज्यादा से ज्यादा 50% तक रहता है। 

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड के काम करने का तरीका

रेगुलर इनकम होने के लिए रिटायरमेंट म्युचुअल फंड को ज्यादातर गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में रखा जाता है। क्योंकि, यहां पर इन्वेस्टमेंट करने से इन्वेस्टर्स को कम रिस्क होता है, वैसे तो इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने के लिए इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट दोनों में इन्वेस्टमेंट किया जाता है।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में 5 साल का lock-in  पीरियड होता है या फिर रिटायरमेंट तक के लिए होता है। यह आप पर निर्भर है कि आप इन दोनों में से कौन- सा आप्शन चुनते हैं। रिटायरमेंट म्युचुअल फंड का पहला टारगेट रिटायरमेंट के बाद एक रेगुलर इनकम देना होता है, साथ ही साथ रिटायरमेंट म्युचुअल फंड inflation को ध्यान में रखते हुए रिटायरमेंट के पैसे को इकट्ठा करने में सहायता करती है।  

इन्वेस्टर्स रिटायरमेंट म्युचुअल फंड के अंदर या तो EMI के जरिए या फिर इकट्ठा इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। इन्वेस्टर्स रिटायरमेंट होने के बाद रेगुलर इनकम के लिए इकट्ठा पैसा या फिर Systematic Withdrawal Plan (SWP) के जरिए अपने इन्वेस्टमेंट को निकालने का ऑप्शन चुन सकते हैं।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने का तरीका

बेहद आसान से स्टेप्स से आप रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।

  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के लिए आपको बैंक जाकर अपना डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा और अपने केवाईसी करवानी होगी।
  • अब आप अपने हिसाब से म्युचुअल फंड को सेलेक्ट करेंगे। 
  • इसके बाद आप यह डिसाइड करेंगे कि आपको कितना पैसा इन्वेस्ट करना है।
  • रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि तक निवेश करना चाहिए, ताकि कम्पाउंडिंग का पूरा फायदा मिल सके।

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें? 

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में निवेश करने के पीछे खास वजह है: 

#1: दीर्घकालिक बचत (Long term savings)

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड एक लांग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम है यहां पर इन्वेस्टर चाहे मंथली इन्वेस्ट करें या इकट्ठा इन्वेस्ट करें, इस इनवेस्टमेंट से जो इनकम होती है, उसे आप आगे इन्वेस्ट भी कर सकते हैं। 

#2: लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी

ज्यादातर पेंशन पॉलिसी लाइफ इंश्योरेंस को भी कवर करती है जो की रिटायरमेंट से पहले अगर मृत्यु हो जाए तो उस व्यक्ति को किसी भी फाइनेंशियल लॉस से बचाती है। यह इन्वेस्टमेंट इन्वेस्टर को मेडिकल इमरजेंसी के समय इकट्ठा पैसा निकालने का भी विकल्प देता है। यह लॉन्ग टर्म हेल्थ सिक्योरिटी के लिए पेमेंट करने के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है और पेंशन फंड कि यह बहुत बड़ी विशेषता है। 

#3: निवेश करने की आजादी (Freedom to invest)

इन्वेस्टर अपनी फाइनेंशियल रिटायरमेंट और प्लानिंग के बेस पर इकट्ठा पैसा, मंथली या सालाना पेमेंट करने का विकल्प चुन सकता है।  

#4: जोखिम मुक्त निवेश (Risk free Investment)

म्युचुअल फंड रिटायरमेंट प्लान इन्वेस्टमेंट की सबसे सेफ investment में से खास है। क्योंकि, रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में रिस्क बहुत कम होता है, इन्वेस्टर्स के पास ऑप्शन होता है कि वह अपना पैसा गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न हासिल कर सके, जिसके लिए वह डेट्स और इक्विटीज में इन्वेस्ट कर सकते हैं। 

रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले इन बातों को जरूर गौर करें

  • अलग-अलग फाइनेंशियल वेबसाइट से जानकारी ले और यह देखें की बीते सालों में फंड का परफॉर्मेंस कैसा है और उससे अच्छा रिटर्न मिला है या नहीं। 
  • बहुत से रिटायरमेंट म्युचुअल फंड ऐसे होते हैं जिनमें lock-in पीरियड नहीं होता और कुछ में lock-in पीरियड होता है इसीलिए lock-in पीरियड को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्टमेंट करें और अपनी फाइनेंशियल टारगेट्स के हिसाब से यह सुनिश्चित करें कि इन्वेस्टमेंट का पैसा रिटायरमेंट से पहले निकालने की सुविधा है या नहीं। 
  • रिटायरमेंट म्युचुअल फंड के लिए एक expense ratio होता है जो फंड को मैनेज करने के लिए किए गए एक्सपेंस का परसेंटेज होता है इसीलिए, जिस इन्वेस्टमेंट में expense ratio कम हो उस इन्वेस्टमेंट को चुने क्योंकि वह ज्यादा फायदेमंद होता है। 
  • एक अच्छा और एक्सपीरियंस फंड मैनेजर पर भी हमारा इन्वेस्टमेंट का प्रॉफिट निर्भर करता है इसीलिए एक सही और अनुभवी तरीके से मैनेज करने वाले मैनेजर के साथ ही इन्वेस्टमेंट शुरू करें। 

People also ask: आपके पूछे गए प्रश्न

प्रश्न: क्या रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में lock-in पीरियड होता है?

उत्तर: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में lock-in पीरियड 5 साल या उससे ज्यादा का होता है। 

प्रश्न: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में कौन- सी उम्र में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए?

उत्तर: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड में 20 से 25 साल की उम्र के आसपास इन्वेस्ट करना शुरू कर सकते हैं, इसके लिए कोई उम्र निश्चित नहीं है।

प्रश्न: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड रिस्की है?

उत्तर: रिटायरमेंट म्युचुअल फंड बाकी इन्वेस्टमेंट के कंपैरिजन में कम रिस्की होता है। क्योंकि, यह गवर्नमेंट बॉन्ड और सिक्योरिटीज जैसे कम रिस्क वाले इन्वेस्टमेंट होते हैं।


मेरा नाम जतिन पांचाल है और मैं MutualFundsHindi.com का Founder हूं। हमारा मिशन आप सभी को शेयर बाजार, म्युचुअल फंड, और निवेश संबंधित बहुमूल्य जानकारी देकर सशक्त बनाना है।

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